LITTLE KNOWN FACTS ABOUT SHABAR MANTRA.

Little Known Facts About shabar mantra.

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लोग उससे आकर्षित हों तथा उसके वश वर्ती हों

Chanting Shabar Mantras often is nice for spiritual growth. They carry a sense of peace and aid spiritual enlightenment.

ॐ पाताल निरंजन निराकार, आकाश मण्डल धुन्धुकार, आकाश दिशा से कौन आये, कौन रथ कौन असवार, आकाश दिशा से धूमावन्ती आई, काक ध्वजा का रथ अस्वार आई थरै आकाश, विधवा रुप लम्बे हाथ, लम्बी नाक कुटिल नेत्र दुष्टा स्वभाव, डमरु बाजे भद्रकाली, क्लेश कलह कालरात्रि । डंका डंकनी काल किट किटा हास्य करी । जीव रक्षन्ते जीव भक्षन्ते जाजा जीया आकाश तेरा होये । धूमावन्तीपुरी में वास, न होती देवी न देव तहा न होती पूजा न पाती तहा न होती जात न जाती तब आये श्रीशम्भुजती गुरु गोरखनाथ आप भयी अतीत ।

Chanting Dhan Lakshmi mantras are powerful methods for making our finances flourishing. It could possibly create extra revenue and profits in business and also other works. What's more, it aids eradicate procrastination and acquire an active, fruitful existence.

We revere him for his powers to ruin imperfections which include greed and lust while in the universe. He destroys the entire world so that a different creation is often allowed to flourish. He signifies a complex character that is frequently full of passion, benevolence and functions because the protector.



On hearing this lady started off crying. She told The entire incident to Matsyendranath how he experienced thrown the bhasma on the cow dung.

ॐ ह्रीं श्रीं गोम, गोरक्ष हम फट स्वाहाः

चक्कर लगाते समय प्याला हाथ में लिए रहें ताकि टपकता रहे उसमें भरा द्रब्य ।अब हर कोने में एक नींबू रखकर एक बड़ा कीला ठोक दें। इस से घर के सारे दुःख तथा अभिचार आदि नष्ट होंगे । काली हकीक माला से इस मंत्र का जप करें

मंत्र ॐ ह्रीं क्लीं हूं मातंग्यै फट् स्वाहा ।

Repeatedly these kinds of bondage is available in several click here of our get the job done that even just after making all kinds of initiatives, the do the job does not get achieved, to remove this sort of bondage, Shabar Mantra Sadhna is the greatest Sadhna. As a result of this, you can easily demonstrate any of your respective work.

राखी राखी गोरख राखी, मैं हूँ तेरी चेली, संसार सृष्टि की हूँ मैं माई ।

ॐ ह्रीं क्लीं क्लीं चमुण्डायै विच्चे। ज्वालामालिनी आद्यायै नमः॥

ॐ सती भैरवी भैरो काल यम जाने यम भूपाल तीन नेत्र तारा त्रिकुटा, गले में माला मुण्डन की । अभय मुद्रा पीये रुधिर नाशवन्ती ! काला खप्पर हाथ खंजर कालापीर धर्म धूप खेवन्ते वासना गई सातवें पाताल, सातवें पाताल मध्ये परम-तत्त्व परम-तत्त्व में जोत, जोत में परम जोत, परम जोत में भई उत्पन्न काल-भैरवी, त्रिपुर- भैरवी, समपत-प्रदा-भैरवी, कौलेश- भैरवी, सिद्धा-भैरवी, विध्वंशिनी-भैरवी, चैतन्य-भैरवी, कमेश्वरी-भैरवी, षटकुटा-भैरवी, नित्या-भैरवी, जपा-अजपा गोरक्ष जपन्ती यही मन्त्र मत्स्येन्द्रनाथजी को सदा शिव ने कहायी । ऋद्ध फूरो सिद्ध फूरो सत श्रीशम्भुजती गुरु गोरखनाथजी अनन्त कोट सिद्धा ले उतरेगी काल के पार, भैरवी भैरवी खड़ी जिन शीश पर, दूर हटे काल जंजाल भैरवी मन्त्र बैकुण्ठ वासा । अमर लोक में हुवा निवासा ।

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